ना ही कंठ में मंगल माला ना सिर पे ओढ़निया रे। ना ही कंठ में मंगल माला ना सिर पे ओढ़निया रे।
राधा बनने को सब चाहे माता सीता सी कोई नहीं राधा बनने को सब चाहे माता सीता सी कोई नहीं
कलिकाल में देव एक है रामजी का सेवक एक है, कलिकाल में देव एक है रामजी का सेवक एक है,
नारी तुम बन न सकी सीता रुक्मणी क्या खाक बनोगी नारी तुम बन न सकी सीता रुक्मणी क्या खाक बनोगी
आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को तुझसे दो शब्द प्यारे ... आते रहते है हर सेमेस्टर मौक़े तेरे दीदार के, पर दिल तरस जाता है करने को त...
गीता धर्म की अमूल्य निधि है जैसे वैसे ही मेरा अस्तित्व नदियों में गंगा है मर्यादित आचरण में आज भी ... गीता धर्म की अमूल्य निधि है जैसे वैसे ही मेरा अस्तित्व नदियों में गंगा है मर्य...